अगले दिन वह बहुत बदला हुआ था उसने बसंत ऋतु को धन्यवाद दिया जिसके कारण उसको असीम सुख की अगले दिन वह बहुत बदला हुआ था उसने बसंत ऋतु को धन्यवाद दिया जिसके कारण उसको असीम ...
हर वर्ग और संप्रदाय के लोग धूमधाम से वसंत मनाते हैं हर वर्ग और संप्रदाय के लोग धूमधाम से वसंत मनाते हैं
लेखक : अलेक्सांद्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास। लेखक : अलेक्सांद्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
क्या हम भी भाई चारा क़ायम नहीं रख सकते उन बच्चों की तरह। क्या हम भी भाई चारा क़ायम नहीं रख सकते उन बच्चों की तरह।
अब जाड़े का भी अंत और पतझड़ का आरंभ हो गया। अब जाड़े का भी अंत और पतझड़ का आरंभ हो गया।
यही नही दो बेटियों के पिता और मजबूत पति है मनु जीतनी तारीफ करूँ कम है ऐसे है हमारे मनु। यही नही दो बेटियों के पिता और मजबूत पति है मनु जीतनी तारीफ करूँ कम है ऐसे है हमा...